Menu
blogid : 13187 postid : 841677

रुबाई

Man ki laharen
Man ki laharen
  • 593 Posts
  • 120 Comments

रुबाई
********
यूँ अंधेरा न उजाले को मिटा पाता है
न उजाले को अंधेरे पे तरस आता है
चिढा हुआ है सिरफ ऐसा जगा ‘आस्तिक’ वह
नींद में रहते दूसरों को जो जगाता है
– अरुण

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply