Man ki laharen
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सपने एवं मन के होने को
विज्ञान स्वीकार नही करता
क्योंकि वे वैज्ञानिक जाँच की पकड़ में सीधे तौरपर नही आते
लेकिन वैज्ञानिक अपने निजी जीवन में
सपने भी देखता है और मन के होने का भी सीधा अनुभव करता है
इसतरह की ‘सत्य-असत्य की मिलीजुली अवस्था’ को ही
माया कहते हैं
-अरुण
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