भले ही फूल किसी खास टहनी से जुड़ा हुआ लगता हो, उसकी सुगंध परिसर के कण कण में घुल जाती है.. आदमी का प्रेम अपनों तक ही सिमटकर रह जाता है -अरुण
You must be logged in to post a comment.
Read Comments