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स्वयं के जागरण के लिए ही लिखता हूँ

Man ki laharen
Man ki laharen
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मन की लहरों के नीचे फैले
गहन विस्तीर्ण शांति सागर से
उठकर
मन के माध्यम से रोजाना
जो कुछ भी share करता हूँ
उसका
प्रथम लाभार्थी मै स्वयं हूँ.
दुसरे इसे सही माने में पढ़ते हैं या नहीं,
पढ़ते हैं तो वह उन्हें भाता है या नहीं,
यह मै नहीं जानता.
लिखने के पीछे
जो प्रेरणा काम कर रही है
वह है – स्वयं के जागरण के लिए ही
उसे लिखकर उजागर करना
-अरुण

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