Man ki laharen
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रसायनों को आदमी में
केवल रसायन दिखते हैं,
भौतिकी के लिए
आदमी पदार्ध का एक ऊर्जापिंड है,
पिंड का अपना एक भूगोल है,
जिसके भीतर एक पर्यावरणभरी प्रकृति जी रही है.
आदमी को ही आदमी में
आदमी दिखता है और अन्य प्राणियों को एक अलगसा जीव
-अरुण
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