Menu
blogid : 13187 postid : 53

अनउलझा उलझत गया….

Man ki laharen
Man ki laharen
  • 593 Posts
  • 120 Comments

अनउलझा उलझत गया, बाहर खोजत हल

ज्ञान, शांति वा सुख सभी, भीतरही हर पल

आदमी मूलतः अन-उलझा है,

परन्तु इस बातकी उसे खबर नही,

सुख, ज्ञान और विश्राम उसके अन-उलझेपन में ही समाहित है

परन्तु इन्हें वह बाहर खोजने में लग जाता है,

परिणामतः वह और भी उलझता जाता है

-अरुण

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply