Man ki laharen
- 593 Posts
- 120 Comments
मोटे तौर पर
लोग दो तरह के हैं.
भीड़ में रहने वाले
और अकेले रहने वाले.
भीड़ वाला अकेले रहते हुए भी
मन में भीड़ जुटाता है और
अकेले वाला भीड़ में भी
अकेला हो जाता है
ऐसे भीड़पन
और अकेलेपन से
परे है जो,
वह है – कैवल्य
– अरुण
Read Comments